शुक्रवार, 3 सितंबर 2010

एक दबंग नायक का प्रभाव

सलमान खान की नयी फिल्म दबंग के प्रोमो टेलीविजन के विभिन्न चैनलों पर अपना प्रभाव जमा रहे हैं। वे एक एक्शन हीरो के रूप में अच्छी तरह प्रतिष्ठित हैं और अपनी तरह की सेल्फ क्रिएट कॉमेडी में भी उनका सितारा खूब चमका है। यही कारण है कि उनका दर्शक वर्ग लगातार बना हुआ है। यह हमेशा देखा जाता है कि हर वक्त में सलमान खान की फिल्म की ओपनिंग बड़ी जिज्ञासा से देखी जाती है। उनके समकालीन सितारों में कई नाम बड़े और बराबर की हैसियत रखने वाले हैं मगर किसी को भी उस तरह की शुरूआती सफलता नहीं मिलती, जैसी सलमान के खाते में आती है। वाण्टेड ने पिछले साल अपना चमत्कार दिखाया था और निर्माता बोनी कपूर के सिर से कई कर्ज उतारने का काम किया था। अब सलमान घर की, अपने भाई अरबाज की फिल्म दबंग में आ रहे हैं।

दबंग की रिलीज को देखते हुए सितम्बर माह में दूसरी कोई बड़ी फिल्म रिलीज नहीं हो रही है। सितम्बर में बमुश्किल तीन-चार फिल्में प्रदर्शित हो रही हैं जिनमें से एक विदेशी, एक दूसरी भाषा की डब और एक करण जौहर की व्ही आर फैमिली है, जिसका कोई भविष्य दिखायी नहीं देता। हालाँकि व्ही आर फैमिली 3 अगस्त को प्रदर्शित हो रही है और दबंग 10 सितम्बर को लिहाजा, दबंग के प्रदर्शन का वक्त आते-आते, फैमिली का फैसला हो ही जायेगा। इस तरह देखा जाये तो सलमान खान के सामने खुला मैदान है। इसे हम एक दबंग नायक का प्रभाव ही मान सकते हैं कि दूसरे निर्माता अपनी बड़ी फिल्मों के लिए कोई जोखिम लेना नहीं चाहते। सलमान खान दबंग में एक पुलिस अधिकारी की भूमिका में हैं और नायिका की भूमिका शत्रुघ्र सिन्हा की बेटी सोनाक्षी को मिली है। सोनाक्षी की यह पहली फिल्म है और सलमान के सिन्हा से गहरे पारिवारिक रिश्ते हैं, लिहाजा सोनाक्षी को एक अच्छी भूमिका और फिल्म के बनते हुए अच्छा वातावरण मिला है।

सलमान ने पिछले वर्षों में अपने सामाजिक सरोकारों और एक कलाकार से इतर संवेदनशील इन्सान के रूप में अपनी महत्वपूर्ण जगह बनायी है। दबंग को लेकर वे आश्वस्त हैं। प्यार किया तो डरना क्या, उनके एक भाई सोहेल की फिल्म थी, जो हिट रही थी, अरबाज की यह फिल्म दबंग एक मुकम्मल नायक के रूप में सलमान को पेश करती है। फिल्म के निर्देशक अभिनव सिंह कश्यप ने दिलीप शुक्ला के साथ मिलकर यह फिल्म लिखी भी है। दबंग में एक साहसी पुलिस अधिकारी अपने हौसले और जोखिम का प्रदर्शन मस्तिष्क का बखूबी इस्तेमाल करके करता है। समाज में अपराध की पृष्ठभूमि, राजनैतिक हस्तक्षेप और अपराधियों के दुस्साहस के बीच दबंग एक उत्तरदायी और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी की भूमिका को एक नये तेवर के साथ प्रस्तुत करती है।

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