रविवार, 13 फ़रवरी 2011

बासु दा और बाछाराम का बगीचा

पितामह निर्देशकों में बासु चटर्जी हमारे बीच निरन्तर सक्रिय हैं, इक्यासी साल की उम्र में भी। अभी पता चला है कि वे एक फिल्म बनाने जा रहे हैं जो मनोज मित्र की बंगला कृति बाछारामेर बागान पर आधारित है। यह एक दिलचस्प कथा है जिस पर समय-समय पर अनेक रंगप्रयोग हुए हैं। इस कृति को बंगला सहित हिन्दी एवं अन्य अनेक भाषा में नाटक के रूप में खेला गया है।

यह लोभी-लालची जमींदार की कथा है जो गरीबों की जमीनें गिरवी रखकर उनको तंग किया करता है। एक बार वह ऐसे ही बाछाराम की जमीन पर अपनी बुरी नजर डालता है। बाछाराम के घर में उसका एक पोता भर है जो आवारा है, उसको जब कभी बाछाराम गरियाता भी रहता है। उम्रदराज और लाचार जानकर बाछाराम की जमीन पर कब्जा करने की नीयत लिए जमींदार उसके घर आता है। बाछाराम उसको जमीन दे देने का वादा करता है और कुछ रुपयों की अपेक्षा जाहिर करता है। जमींदार यह सोचता है कि बिस्तर पर पड़ा बाछाराम जल्दी ही मर जायेगा लेकिन जमींदार से ही पैसे मांग-मांगकर बाछाराम एक दिन बिस्तर से उठ खड़ा हो जाता है। उसके पोते का विवाह होता है और कुछ दिनों बाद उसके यहाँ बच्चा होने से बाछाराम की जीने की इच्छा और जाग्रत हो जाती है।

कहानी का अन्त यह है कि जिस रफ्तार से बाछाराम ठीक होता जाता है, उसी रफ्तार से जमींदार रुग्ण और बीमार, आखिर एक दिन जमींदार मर जाता है और बाछाराम एकदम मस्त। इस कहानी में हास्य-व्यंग्य का समावेश रोचक है। दूरदर्शन इस पर बगिया बाछाराम की नाम से एक टेलीफिल्म बरसों पहले बना चुका है जिसमें एस.एम. जहीर ने बाछाराम की भूमिका की थी। 1980 में विख्यात बंगला निर्देशक तपन सिन्हा ने इसी कहानी पर कृति के नाम से ही बाछारामेर बागान फिल्म निर्देशित की थी। बासु चटर्जी अपनी कल्पनाशीलता और दृष्टि के निर्देशक हैं। उन्होंने अपने मन की फिल्म बनाने की दृष्टि से ही इसका निर्माण भी खुद ही करने का निश्चय किया है।

छोटी सी बात, रजनीगंधा, सारा आकाश, चितचोर, स्वामी, पिया का घर, शौकीन आदि अनेक श्रेष्ठ फिल्में बना चुके बासु दा ने फिल्म का नाम बाछाराम का बगीचा तय किया है और बाछाराम की मुख्य भूमिका के लिए अभिनेता रघुवीर यादव को अनुबन्धित किया है। रघुवीर यादव, किरदारजीवी अभिनेता हैं, निश्चय ही यह फिल्म अपने ढंग का एक अनुभव होगी। दर्शक भी नयी सदी में बासु दा का नया काम उनकी परम्परा को याद करके देखेंगे।

कोई टिप्पणी नहीं: