गुरुवार, 23 जून 2011

अब किस करिश्मे की उम्मीद?



हम लोग अक्सर यह बात करते रहते हैं कि लाइम लाइट में बने रहने वाले कलाकारों के लिए वो वक्त काटना बहुत कठिन हो जाता है जब उनके पास काम नहीं होता। आसानी से कोई रिटायर नहीं होना चाहता। लोग रिटायर होने की घोषणाएँ करते हैं मगर कुछ ही सालों में फिर कैमरे के सामने आकर खड़े हो जाते हैं। पूछे जाने पर, अपने पहले के कहे की पुनर्व्याख्या करते हैं और काम पर लग जाते हैं, तब तक जब तक शेष पूछ-परख जारी रहती है।

हीरोइनों के लिए यह सबसे कठिन होता है कि उनके शादी-ब्याह या फिर फिल्में फ्लॉप हो जाने के बाद लोग उनको अपनी फिल्मों के लिए साइन करने नहीं आते। श्रीदेवी इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण हैं, वे बरसों से फिल्मों में एक बार फिर से आने के लिए परेशान हैं। उनके साथ के बहुत से नायक रिटायर हो गये मगर बहुत से नायक अभी भी काम कर रहे हैं। माधुरी दीक्षित की बेचैनी भी कम नहीं है। उनके लिए भी परदे से दूर रह पाना आसान नहीं है। यश चोपड़ा ने उनको अपने कैम्प में आजा नच ले से मौका दिया था मगर फिल्म नहीं चल पायी। इसके बावजूद माधुरी शाहरुख, सलमान, अक्षय, आमिर और यहाँ तक कि बुढ़ाते संजय दत्त को देखकर सोचती होंगी कि उनके नायक इधर अभी तक मैदान में जमे हुए हैं, बीस-पच्चीस साल की हीरोइनों के साथ काम कर रहे हैं, वहीं उनको माँ के रोल भी ऑफर नहीं हो रहे।

करिश्मा कपूर भी एक समय नम्बर वन की पोजीशन में थीं। राजा हिन्दुस्तानी फिल्म उनके कैरियर का शायद चरम थी। अभिषेक बच्चन के साथ उनकी शादी होते-होते नहीं हुई। बाद में उन्होंने शादी की तब चार-पाँच साल उनके पास मौके नहीं रहे, यद्यपि कैमरा, लाइट, एक्शन का माहौल वे भुला नहीं पायीं। अब फिर खबर है कि उनको एक फिल्म के लिए अनुबन्धित कर लिया गया है। वे आतुर हैं एक बार फिर अपनी आजमाइश को लेकिन सवाल यही है कि अब सिनेमाघरों में उनके समय की पीढ़ी फिल्म देखने नहीं जाया करती। वो अब धीरे-धीरे करीना को भी भूल रही है। ऐसे में उनकी यह वापसी कितनी सफल होगी, कहा नहीं जा सकता।

पिछले दस साल से उनकी एक फिल्म जमानत बनकर तैयार है लेकिन उसके प्रदर्शन का अवसर नहीं आ पा रहा। जमानत उन एस. रामनाथन की फिल्म है, जो बच्चन साहब को बॉम्बे टू गोवा से लेकर आये थे और उन्हीं की तीन भूमिकाओं वाली फिल्म महान भी उन्हीं ने बनायी थी। बच्चन साहब चाहें तो अपने भागीरथी की फिल्म, भले वो फ्लॉप ही हो जाये, सिनेमाघर तक लाने में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं क्योंकि रामनाथन इस समय कठिन परिस्थितियों में हैं।

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