सोमवार, 4 जुलाई 2011

ये किस दौर के अगुआ हो आमिर?


आमिर खान रिश्ते-नाते निभाने में बड़े गम्भीर हैं। मन्सूर खान ने निर्देशक के रूप में उनका कैरियर कयामत से कयामत तक से लेकर आगे कई फिल्मों में सँवारा था लिहाजा अपने भतीजे इमरान खान को स्थापित करना अब उनकी जवाबदारी है। यह बात अलग है कि यह युवा अभिनेता बावजूद अपने पारिवारिक आत्मविश्वास और यथासम्भव अपनी क्षमता के अपने समकालीनों रणबीर कपूर या नील नितिन मुकेश के बराबर नहीं आ पाया है। इमरान खान की गिनती अब भी रणबीर, इमरान और यहाँ तक कि बैण्ड बाजा बारात वाले अपेक्षाकृत बाद में आये नायक रणबीर सिंह से भी बाद में होती है।

दरअसल इमरान खान को लेकर इतनी बात करने की वजह यही है कि उनकी नयी फिल्म देल्ही-बेल्ही बावजूद अंग्रेजी और हिन्दी की समीक्षाओं में जी-भरके लुटाये गये सितारों के बहुत ही आपत्तिजनक है। मुम्बई में सिनेमा के एक बड़े और वरिष्ठ समीक्षक ने भी लम्बी कसीदेकारी के बाद इस खतरे को लिखा ही है कि जिस तरह गालियों और गन्दे उच्चारणों का प्रयोग इस फिल्म में सिचुएशनल ढंग से करने की चतुराई जाहिर करते हुए, अन्तत: इसी तरह की जुबान बोलने वाले लोगों के मानसिक तुष्टिकरण के लिए किया गया है, यदि उसका अनुसरण आने वाले समय में फिल्मों में ढर्रे की तरह स्थापित हो गया तो बहुत ही बुरा होगा, लेकिन यह बात, पन्द्रह सौ शब्दों की प्रशंसनीय समीक्षा लिखने के बाद ही कही गयी है।

मुम्बई के ही एक फिल्म पत्रकार मित्र की चिन्ता यह थी कि हम अपने बच्चों को क्या अब इस तरह का सिनेमा देने लगे हैं? यह हादसे, यह दुर्घटनाएँ वाकई ऐसे वक्त में हो रही हैं जब कुछ माह पहले ही देश की सरकार ने सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष तमाम पहले की परम्पराओं को दरकिनार करते हुए एक शीर्षस्थ नृत्यांगना को बना दिया है। समझ में नहीं आ रहा कि दरअसल बे्रक किस पहिए के फेल हो गये हैं? आमिर खान, अतुल्य भारत के अपने विज्ञापन में अपशब्द बोलने वाले, कहीं भी पेशाब करके दीवार गन्दी कर देने वाले और अश्लील छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ रचनात्मक मुहीम छेड़ते हैं, वही आमिर खान देल्ही-बेल्ही जैसी फिल्म की परिकल्पना के भी पीछे होते हैं।

पता नहीं सारे व्यवधानों से अपनी फिल्म को निकालकर ले जाने के बाद प्रदर्शित कर पाने की खुशी के साथ-साथ वे इस बात का खेद किस चातुर्य से करते हैं कि इस फिल्म में इतनी गालियों और गन्दे शब्दों के प्रयोग पर उन्हें अफसोस है? हाँ, फिल्म विफल हो गयी है, यह इसी प्रसंग से जुड़ा दूसरा यथार्थ है।

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