गुरुवार, 18 अक्तूबर 2012

शोले के सर्जक सलीम खान सम्मानित हुए राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान से


खण्डवा के लिए 13 अक्टूबर का दिन बड़ा महत्व रखता है। यह महान गायक और हरफनमौला कलाकार स्वर्गीय किशोर कुमार की पुण्यतिथि का दिन है और शहर उनको मन ही मन बड़ी भावुकता के साथ याद करता है। शहर वो दिन भुला नहीं सकता जब खण्डवा शहर में जन्मा वो होनहार कलाकार निष्प्राण देह के रूप में परिजनों द्वारा लाया गया था, उसकी उस अन्तिम जिद और वसीयत के वशीभूत जिसमें यह इच्छा जाहिर की गयी थी कि अन्तिम संस्कार खण्डवा में ही किया जाये। शहर उमड़ पड़ा था 14 अक्टूबर की सुबह बॉम्बे बाजार स्थित कुंजीलाल गांगुली के मकान में जहाँ से किशोर दा ने अन्तिम सफर तय किया था।

मध्यप्रदेश सरकार ने खण्डवा के इस गौरव पुत्र के नाम पर देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय सम्मान स्थापित किया है, किशोर कुमार सम्मान जो हर साल बारी-बारी से सिनेमा के क्षेत्र में निर्देशन, अभिनय, पटकथा और गीत लेखन के लिए प्रदान किया जाता है। साल 2011-12 में पटकथा लेखन के लिए यह सम्मान विख्यात पटकथा और संवाद लेखक श्री सलीम खान को प्रदान किया गया। 13 अक्टूबर को रायचन्द नागड़ा उत्कृष्ट विद्यालय के प्रांगण में एक गरिमापूर्ण समारोह आयोजित कर संस्कृति विभाग की ओर से यह अलंकरण संस्कृति एवं जनसम्पर्क मंत्री श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने प्रदान किया। इस अवसर पर आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री विजय शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रंजना बघेल, महापौर श्रीमती भावना शाह और पूर्व सांसद श्री नंद कुमार सिंह चौहान के साथ स्थानीय विधायकगण भी उपस्थित थे।

श्री सलीम खान, मुम्बई से इस सम्मान को ग्रहण करने अपनी पत्नी और विख्यात अभिनेत्री श्रीमती हेलेन के साथ इन्दौर होते हुए खण्डवा आये थे। खण्डवा पहुँचते ही वे सबसे पहले स्वर्गीय किशोर कुमार की समाधि स्थल पर गये। उन्होंने श्रीमती हेलेन के साथ समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की और वहीं पर पत्रकारों से बातचीत भी की। श्री सलीम खान ने कहा कि मेरे लिए इस अवार्ड के बड़े मायने हैं, इसलिए यह अवार्ड सिनेमा के क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा अवार्ड है और जिनके नाम पर है उनसे और उनके बड़े भाई दादा मुनि से मेरे बड़े शुरू के ताल्लुकात थे जो ताजिन्दगी बने रहे। श्री सलीम खान ने बताया कि उनके कैरियर की पहली कहानी दादामुनि ने ही दो भाई फिल्म के लिए खरीदी थी। दादामुनि से उनका रिश्ता हमेशा प्रगाढ़ रहा। श्री सलीम खान ने कहा कि मेरे लिए यह खुशकिस्मती की बात थी कि वे मुझे हमेशा बराबरी का सम्मान दिया करते थे।

अवार्ड समारोह में संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने राज्य शासन की ओर से शाल, श्रीफल, सम्मान पट्टिका के साथ दो लाख रुपए की राशि का ड्राफ्ट भी उन्हें प्रदान किया। श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने श्री सलीम खान के कृतित्व की सराहना करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश शासन का यह सम्मान ऐसे शख्स को दिया जा रहा है, जिनका सिनेमा चार दशक से दर्शकों को अपनी ओर आकृष्ट किए हुए है। श्री सलीम खान ने सफल फिल्मों की पटकथा लिखकर ऐसा इतिहास रचा है जिसकी बराबरी कोई दूसरा पटकथा लेखक नहीं कर पाया। उनकी फिल्में हाथी मेरे साथी, सीता और गीता, जंजीर, शोले, त्रिशूल, नाम, कब्जा, फलक आदि ने पीढ़ियों को मुग्ध और रोमांचित किए रखा है। संस्कृति मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार एक ऐसे फिल्म सर्जक को सम्मानित करके गौरवान्वित है जिसने तमाम अवार्ड स्वीकार नहीं किये लेकिन मध्यप्रदेश सरकार के अवार्ड को मान दिया। इस नाते हमारे लिए वे बड़े सम्माननीय और आदर के पात्र हैं। हम उन्हें इसके लिए हार्दिक बधाई देते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं।

आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री विजय शाह ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्री सलीम खान मानवीय धरातल पर एक समरस और बड़े मन के मालिक हैं। उनके जैसा उदार और आत्मीय इन्सान ढूँढ़े से नहीं मिलता। श्री शाह ने कहा कि श्री सलीम साहब इन्दौर में जन्मे और इधर भोपाल से लेकर सारा क्षेत्र उन्होंने खूब घूमा, जिया और उसकी यादें वे हमेशा साथ रखते हैं। उनका स्वभाव और संवेदनशीलता एकदम निष्पक्ष और अनुकरणीय है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रंजना बघेल ने कहा कि श्री सलीम खान साहब एवं श्रीमती हेलेन मुम्बई से इस सम्मान को लेने किशोर कुमार की नगरी खण्डवा आये हैं। यह उनका एक महान गायक के प्रति आदर भाव और मध्यप्रदेश के प्रति अपनेपन को दर्शाता है। पूर्व सांसद श्री नंद कुमार सिंह चौहान ने कहा कि खण्डवा में इस सम्मान का अलंकरण समारोह आयोजित किए जाने से सम्मान की प्रतिष्ठा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पूरा शहर इस सम्मान समारोह का साक्षी होता है, यह अनूठी बात है।

विख्यात अभिनेत्री श्रीमती हेलेन खण्डवा शहर आकर बड़ी खुश और रोमांचित थीं। उन्होंने याद किया कि उन्होंने अनेक यादगार शो किशोर दा के साथ देश-विदेश में किये थे। उनकी निगाह में किशोर दा जैसा व्यक्तित्व होना नामुमकिन है। उन्होंने मंच से कहा कि इस सुखद और यादगार मौके पर मैं अपनी ओर से पूरे खण्डवा शहर का अभिवादन करती हूँ। अलंकरण उपरान्त खण्डवा की महापौर श्रीमती भावना शाह ने आभार व्यक्त किया।

अलंकरण समारोह में इस बार दर्शक-श्रोताओं की उपस्थिति पिछले वर्षों की अपेक्षा बहुत अधिक थी। शहरवासियों ने श्री सलीम खान के सम्मान अलंकरण समारोह के उपरान्त आयोजित विख्यात कलाकार श्री उदित नारायण की गीत-संगीत संध्या का जमकर आनंद लिया। श्री उदित नारायण अपने पन्द्रह साथी कलाकारों एवं अपनी पत्नी गायिका सुश्री दीपा नारायण के साथ कार्यक्रम प्रस्तुति के लिए आये थे। उन्होंने दो घण्टे से भी ज्यादा समय में अनेक सफल फिल्मों जिनमें दिल तो पागल है, लगान, गदर एक प्रेमकथा, दिल, बेटा आदि तमाम फिल्में शामिल थीं।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

प्रिय ब्लॉगर मित्र,

हमें आपको यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है साथ ही संकोच भी – विशेषकर उन ब्लॉगर्स को यह बताने में जिनके ब्लॉग इतने उच्च स्तर के हैं कि उन्हें किसी भी सूची में सम्मिलित करने से उस सूची का सम्मान बढ़ता है न कि उस ब्लॉग का – कि ITB की सर्वश्रेष्ठ हिन्दी ब्लॉगों की डाइरैक्टरी अब प्रकाशित हो चुकी है और आपका ब्लॉग उसमें सम्मिलित है।

शुभकामनाओं सहित,
ITB टीम

पुनश्च:

1. हम कुछेक लोकप्रिय ब्लॉग्स को डाइरैक्टरी में शामिल नहीं कर पाए क्योंकि उनके कंटैंट तथा/या डिज़ाइन फूहड़ / निम्न-स्तरीय / खिजाने वाले हैं। दो-एक ब्लॉगर्स ने अपने एक ब्लॉग की सामग्री दूसरे ब्लॉग्स में डुप्लिकेट करने में डिज़ाइन की ऐसी तैसी कर रखी है। कुछ ब्लॉगर्स अपने मुँह मिया मिट्ठू बनते रहते हैं, लेकिन इस संकलन में हमने उनके ब्लॉग्स ले रखे हैं बशर्ते उनमें स्तरीय कंटैंट हो। डाइरैक्टरी में शामिल किए / नहीं किए गए ब्लॉग्स के बारे में आपके विचारों का इंतज़ार रहेगा।

2. ITB के लोग ब्लॉग्स पर बहुत कम कमेंट कर पाते हैं और कमेंट तभी करते हैं जब विषय-वस्तु के प्रसंग में कुछ कहना होता है। यह कमेंट हमने यहाँ इसलिए किया क्योंकि हमें आपका ईमेल ब्लॉग में नहीं मिला।

[यह भी हो सकता है कि हम ठीक से ईमेल ढूंढ नहीं पाए।] बिना प्रसंग के इस कमेंट के लिए क्षमा कीजिएगा।