शनिवार, 13 जुलाई 2013

प्रशासन, सृजनात्मक अभिरुचियाँ और जंग साहब


अपनी छोटी उम्र में जब एशियाड के बाद दूरदर्शन आया, एक बड़े जहीन से शख्स रात को शायद दस बजे दिल्ली दूरदर्शन से कभी-कभी समाचार पढ़ा करते थे। तब हमको बताया गया था कि ये नजीब हमीद जंग हैं, मध्यप्रदेश कैडर के आय.ए.एस. अधिकारी जो दिल्ली में बड़े पद पर हैं मगर शौकिया न्यूज पढ़ते हैं। व्यस्तता और काम के बीच वे अक्सर इस बात के लिए वक्त निकालते हैं। मामाजी के ध्यान आकर्षण के बाद गर्व के साथ जंग साहब का नाम याद रह गया और फिर अक्सर उस समय टेलीविजन के सामने आ जाया करता था जिस दिन उनके न्यूज पढ़ने की आवाज सुनायी देती। वे बड़े आत्मविश्वास, प्रवाह और स्पष्ट उच्चारण के साथ अपनी प्रभावी आवाज में समाचार पढ़ते थे। गर्व की वजह वही, अपना मध्यप्रदेश।

दो दिन पहले फिर गर्व हुआ जब जाना कि नजीब हमीद जंग साहब ने दिल्ली के उप-राज्यपाल पद की शपथ ली है। इसके पहले वे जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति थे। जंग साहब का इस बड़े पद पर सुशोभित होना उनकी असाधारण दक्षता, योग्यता और लगातार विभिन्न क्षेत्रों में चार दशक से भी ज्यादा योगदान का सुपरिणाम है। मध्यप्रदेश इस बात पर जरूर गर्व करे कि वे मध्यप्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे हैं। छिन्दवाड़ा जिले के आदिवासी अंचल पातालकोट से लगे तामिया में प्रशासक सहित दतिया में कलेक्टर और तिलहन संघ के प्रबन्ध संचालक के रूप में कार्य करते हुए वे तत्कालीन रेल राज्यमंत्री माधवराव सिंधिया के विशेष सहायक होकर नई दिल्ली चले गये थे। तब से सम्भवतः वे लगातार वहीं रहे।

जंग साहब ने दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास की पढ़ाई की और सोशल पॉलिसी तथा प्लानिंग की उच्च शिक्षा के लिए वे लन्दन स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स पढ़ने चले गये। भारतीय प्रशासनिक सेवा में उनका प्रवेश 1973 में हुआ। लगभग बाइस साल उन्होंने मध्यप्रदेश, भारत सरकार में विभिन्न पदों पर सक्रियतापूर्वक कार्य किया। वे भारत सरकार में संयुक्त सचिव भी रहे। उनकी विशेष भूमिका ऊर्जा क्षेत्र में निरन्तर भारत सरकार के लिए प्रतिष्ठित पद पर कार्य एवं अपनी अहम भूमिका रेखांकित करने के लिए जानी-मानी जाती है। वे सीनियर विजीटिंग फैलो के रूप में सात वर्ष ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी रहे। वही उनके गैस इश्यूज ऑफ एशिया विषय पर दो बड़े वाल्यूम प्रकाशित हुए। अभी तीन किताबें उनकी प्रकाशनाधीन हैं जिनमें अंग्रेजी, उर्दू के निबन्धों के संकलन के साथ ही एनर्जी इश्यू पर भी एक किताब शामिल है। जंग साहब ऊर्जा के अन्तर्राष्ट्रीय जानकारों में से हैं।

भारत सरकार ने 2009 में जंग साहब को जामिया मिलिया इस्लामिया में कुलपति नियुक्त किया था। लगातार व्यस्तताओं के बावजूद अंग्रेजी अखबारों के लिए स्तम्भ लेखन के साथ ही पृथक से नियमित लेखन भी वे करते रहे। उनके लगभग छिहत्तर आलेख इण्डिया टुडे, टाइम्स ऑफ इण्डिया, हिन्दुस्तान टाइम्स, इन्कलाब, मेल टुडे, बिजनेस स्टैण्डर्ड, उर्दू का राष्ट्रीय सहारा, इण्डियन एक्सप्रेस, सण्डे गार्जियन आदि में प्रकाशित हुए हैं। बाद में समाचार वाचन का समय उनको नहीं मिला और भारत सहित विदेश में रहते हुए यह सिलसिला छूट गया लेकिन हम सभी की स्मृतियों में आरम्भ का दिल्ली दूरदर्शन और उसके अंग्रेजी समाचार नजीब हमीद जंग साहब के समाचार वाचन के साथ ही आज भी ज्यों के त्यों हैं। 

उल्लेखनीय है कि जंग साहब ने दो वर्ष पहले जामिया मिलिया इस्लामिया में अकबर-सलीम-अनारकली नाटक में अकबर की भूमिका भी निभायी थी।

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